एचआईवी पेशेंट्स हैं तो दवा का अंतराल बनेगा काल
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BY: INEXTLIVE | Updated Date: Sat, 11 Apr 2020 05:45:18 (IST) -एड्स मरीजों की दवा के गैप से थम सकती है जिंदगी -डीडीयू हॉस्पिटल के एआरटी सेंटर में मिल रही है दवा, टीम भी कर रही जांच अगर आप
एचआईवी एड्स से पीडि़त हैं तो अलर्ट हो जाइये। क्योंकि आपकी एक भूल जान जोखिम में डाल सकती है। क्योंकि इस रोग में एक दिन में दवा का गैप हुआ तो खतरनाक साबित हो सकता है। वैसे यदि आप ये सोच रहें
कि लॉकडाउन की वजह से दवा नहीं मिलेगी तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। डीडीयू हॉस्पिटल में बना एआरटी सेंटर एड्स पीडि़तों को लिए खुला हुआ। यहा आकर आप अपनी दवा ले सकते हैं। साथ ही ऐसे रोगियों के लिए
हेल्थ डिपार्टमेंट ने और भी तैयारी है। जिससे की किसी को दवा के लिए दिक्कत न होने पाये। मुस्तैद है एआरटी टीम कोरोना के लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या के बाद भी डीडीयू हॉस्पिटल के एआरटी सेंटर
में तैनात इस इस विभाग की टीम पूरी मुस्तैदी के साथ अपने काम में जुटी हुई है। इस वक्त ऐसे मरीजों के प्रति लापरवाही उनकी जिंदगी पर भारी पड़ सकी है। टीबी के मरीजों को तो समय रहते ठीक किया जा
सकता है मगर इन्हे नहीं। लिहाजा टीम पूरी गंभीरता से काम कर रही है। एआरटी सेंटर की काउंसलर सुस्मिता तिवारी बताती हैं स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार लॉकडाउन होने के बाद भी सेंटर में कही से
कोई कमी नहीं की जा रही है। एचआईवी संक्त्रमित मरीजों को लगातार अवेयर किया जा रहा है। बढ़ सकती है दिक्कत उनका कहना है लॉकडाउन लगने के समय बहुत से लोग शहर में बाहर से आये हुए होंगे। इसमें कई
लोग भी हो सकते हैं जो एचआईवी संक्त्रमित हों। ऐसे में अगर ये लोग एचआईवी की दवा नहीं खा रहे हैं या जांच नहीं करा रहे हैं तो इन पर खतरा बढ़ सकता है। दवा के गैप होने पर इन्हें टीबी हो सकती है।
इन पर कोरोना भी अटैक कर सकता है। इसलिए ऐसे लोग आरती सेंटर में आकर जांच के साथ दवा ले सकते हैं। इनमे कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा काउंसलर अनीता का कहना है कि टीबी और एचआईवी पेशेंट्स में कोरोना
का खतरा सबसे ज्यादा है। ऐसा इसलिए की एचआईवी संक्त्रमण की वजह से इनकी इम्युनिटी सिस्टम पहले ही कमजोर हो चुकी है। ऐसे में अगर इनपर कोरोना का अटैक होता है तो जिन्दा रहना मुश्किल हो जायेगा।
वर्तमान में सेंटर में उन सभी मरीजों को जांच के लिए बुलाया जा रहा है जो एचआईवी संक्त्रमित हैं। ऐसे लोगों की जांच के साथ दवा भी दी जा रही है। एड्स संक्त्रमित किसी भी व्यक्ति को दवा या जांच के
लिए कोई दिक्कत नहीं है इनमे कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा है। ऐसे लोगो पर प्रॉपर नजर रखने के लिए सेंटर में 15 लोगों की टीम काम कर रही है। लॉकडाउन के समय से दूर से आकर फंसे संक्त्रमित लोग जांच
कराकर दवा ले सकते हैं। डॉक्टर प्रीति अग्रवाल, एसएमो। आरती सेंटर