लापता सूफी मौलाना के परिवार को प्रधानमंत्री मोदी से मदद की आस, लिखा खत -
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नई दिल्ली [जेएनएन]। हजरत निजामुद्दीन दरगाह के लापता पीरजादों के परिवार को प्रधानमंत्री मोदी से मदद की आस है। परिवार वालों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी सूफी विचारधारा से काफी प्रभावित हैं,
जबकि पाकिस्तान सरकार इस विचारधारा के खिलाफ है। विदेश में जब भी किसी भारतीय नागरिक पर परेशानी आई है तो प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने आगे आकर उनकी मदद की है। पीरजादों के परिवार वालों ने
नवाज सरकार से मदद मांगने की कोशिश की थी लेकिन कोई सहायता नहीं मिल सकी। इस संबंध में हजरत निजामुद्दीन दरगाह कमेटी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पीड़ित परिवार के लिए मदद मांगी है।
दरगाह के नायब सज्जादानशी फरीद अहमद निजामी ने पत्र लिखकर कहा है कि पाकिस्तान सरकार से बात करके लापता पीरजादों की रिपोर्ट मांगे। यह भी पढ़ें: कहीं आतंकियों के कब्जे में तो नहीं हैं देश के सूफी
मौलाना, डरे हुए हैं रिश्तेदार शुक्रवार को गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने पीड़ित परिवार से मिलकर पीरजादों से जुड़ी सारी जानकारी हासिल की ओर उन्हें हर संभव मदद का यकीन दिलाया। इसके साथ ही
मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने परिवार के सदस्यों के साथ दरगाह कमेटी के सदस्यों को फोन करके हाल चाल जाना और केंद्र सरकार की ओर से सभी प्रकार की मदद का आश्वासन दिया। सलामती के लिए हुई
विशेष दुआ इस बीच सूत्रों के हवाले से इस तरह की खबरें भी सामने आ रही हैं कि भारतीय सूफी मौलानाओं के लापता होने के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों का भी हाथ हो सकता है। लापता परीजादों की
सलामती के लिए हजरत निजामुद्दीन दरगाह में जुमे की नमाज में विशेष दुआ कराई गई। साथ ही पाकिस्तान में दरगाह पर होने वाले आतंकी हमलों को रोकने के लिए दुआं मांगी गई। > Pakistan intelligence
agencies behind disappearance of the two > Indian Sufi clerics: Sources pic.twitter.com/hX58U8johK > — ANI (@ANI_news) March 17, 2017 यह भी पढ़ें: हजरत निजामुद्दीन दरगाह के 2 सूफी
मौलवी पाकिस्तान में लापता, विदेश मंत्रालय सक्रिय