Jammu kashmir: यात्री-पर्यटकों के कारण बढ़ा कोरोना संक्रमण; 19 दिनों में 10476 संक्रमित आए, 34. 4 बाहरी - corona cases increased in jammu kashmir due to passenger or tourists jagran special


Jammu kashmir: यात्री-पर्यटकों के कारण बढ़ा कोरोना संक्रमण; 19 दिनों में 10476 संक्रमित आए, 34. 4 बाहरी - corona cases increased in jammu kashmir due to passenger or tourists jagran special

Play all audios:


Coronavirus in Jammu Kashmir यात्री वाहनाें में सवारियों की संख्या को घटाया गया है। टीकाकरण के लिए लोगों में जागरुकता पैदा की जा रही है। बिना लक्षण वाले और कम बीमार मरीजों को उनके घरों में


ही आइसोलेट किया जा रहा है। By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 21 Apr 2021 12:03 PM (IST) श्रीनगर, नवीन नवाज। जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों का एक बड़ा कारण बाहर


से आने वाले यात्री और सैलानी हैं। प्रदेश सरकार ने यह जानकारी केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में कोविड-19 प्रबंधन पर हुई एक बैठक में दी है। केंद्र शासित लद्दाख ने भी कोरोना


संकट के लिए बाहर से आने वालों को जिम्मेदार ठहराया हैं। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में रोजाना मिल रहे कोविड संक्रमितों में लगभग 35 प्रतिशत बाहर से आने वाले यात्री ही हैं। प्रदेश सरकार


द्वारा कोरोना संक्रमितों की संख्या से संबधित राेजाना दी जाने वाली जानकारी के मुताबिक इस साल पहली से 19 अप्रैल तक 3606 यात्री और पर्यटक कोविड-19 से संक्रमित मिले हैं। इनमें 1593 सिर्फ श्रीनगर


शहर में ही हैं। जम्मू-कश्मीर में बीते 19 दिनों के दौरान 10476 लोग कोविड पॉजिटिव पाएं गए हैं। इनमें 34.4 प्रतिशत बाहर से आने वाले स्थानीय नागरिक या सैलानी ही हैं। कश्मीर में महाराष्ट्र और


गुजरात के दो पर्यटकों की बीते माह कोविड-19 से मौत हुई थी। श्रीनगर एयरपोर्ट पर जांच के दौरान ही इनमे कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। केंद्रीय गृहसचिव की अध्यक्षा में आज हुई इस बैठक में


वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व मुख्य सचिव बीवीआर सुब्राह्मण्यम ने किया। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, नीति आयोग के सदस्स डाॅ वीके पॉल, डीजी आईआइसीएमआर


डा बलराम भार्गव और सभी केंद्र शासित प्रदेशों को मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक भी शामिल हुए। संबधित सूत्रों ने बताया कि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित लद्दाख प्रदेश के अधिकारियों


ने कोरोना पॉजिटिव मामलों के प्रबंधन और कंटेनमेंट जोन की मौजूदा स्थिति से केंद्रीय गृहसचिव को अवगत कराते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण के मामले बाहर से आने वाले यात्रियों के कारण ही ज्यादा तेजी


से बढ़े हैं। स्थिति पर काबू पाने के लिए रात्रिकालीन कर्फ्यू को सहारा लेने के अलावा बाजारों के खुलने के समय की अवधि को भी घटाया गया है। यात्री वाहनाें में सवारियों की संख्या को घटाया गया है।


टीकाकरण के लिए लोगों में जागरुकता पैदा की जा रही है। बिना लक्षण वाले और कम बीमार मरीजों को उनके घरों में ही आइसोलेट किया जा रहा है। केंद्रीय गृह सचिव ने कोविड-19एसओपी के पालन को सुनिश्चित


बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि हालात पर लगातार निगाह रखी जाए। भीड़ को जमा नहीं होने दिया जाना चाहिए। आरटी-पीसीआर टेस्ट प्रक्रिया में तेजी लाने के साथ ही कलस्टर में छंटनी के लिए आरएटी का


सहारा लिया जाए। अस्पतालों में आवश्यक सुविधाओं में सुधार करते हुए क्लिनिकल प्रबंधन की भी निरंतर समीक्षा होनी चाहिए। डाॅ वीके पॉल ने बताया कि अगले तीन सप्ताह बहुत अहम हैं। उन्होंने केंद्र


शासित प्रदेश प्रशासन को तीन सप्ताह पहले ही अपनी एक अग्रिम योजना तैयार करने की सलाह देते हुए कहा कि कोविड-पाॅजिटिव लोगों का एक सर्वे यथाशीघ्र होना चाहिए। लद्दाख में बाहर सेे आने वाले श्रमिकों


की निगरानी और जांच सुनिश्चित की जाए।आपको यह भी जानकारी हो कि जम्मू-कश्मीर में रोजाना मिल रहे कोविड संक्रमितों में करीब 35 प्रतिशत बाहर से आने वाले यात्री ही हैं। मार्च माह के दौरान सिर्फ


श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही करीब एक हजार लोग कोविड पाजिटिव मिले थे। यह सभी विभिन्न राज्यों से कश्मीर अाए थे। इनमें से कई सैलानी ही थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में कोरोना


संक्रमण की दूसरी लहर और कोरोना वायरस का जो नया स्ट्रेन है, सैलानियों के जरिए ही पहुंचा है। कश्मीर में फरवरी से पर्यटकों की आमद लगातार बढ़ रही थी जो बीते चंद दिनों में घटी है। उसका असर भी


कोरोना संक्रमित यात्रियों की संख्या में कमी में साफ झलकता है।