श्रद्धालु भक्तों के लिए खुला मां भद्रकाली मंदिर का कपाट - maa bhadrakali temple opened for devotees - jharkhand chatra general news

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संवाद सहयोगी इटखोरी(चतरा) साढे छह माह बाद ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर का कपाट गुरुव By JagranEdited By: Updated: Thu, 08 Oct 2020 07:13 PM (IST) संवाद सहयोगी, इटखोरी(चतरा): साढे छह माह बाद


ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर का कपाट गुरुवार को भक्तों के लिए खोल दिया गया। इसी के साथ माता रानी का दरबार मां भद्रकाली के जयकारे से गुंजायमान होने लगा। हालांकि कोरोना के संकट काल को देखते हुए


कई तरह की पाबंदियों के बीच भक्तों को माता का दर्शन करना पड़ रहा है। सरकार के गाइडलाइन का अनुपालन कराने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य भी तत्पर नजर आ रहे हैं।


मालूम हो कि कोरोना के कारण बीते 22 मार्च को मां भद्रकाली मंदिर के कपाट श्रद्धालु भक्तों के लिए बंद किए गए थे। तब से सिर्फ मंदिर के पुजारी ही नियमित पूजा का अनुष्ठान करते आ रहे थे। इसी बीच


सरकार ने 8 मार्च से मंदिर के कपाट खोलने का निर्देश जारी किया। सरकार के इस निर्देश के आलोक में उपायुक्त दिव्यांशु कुमार झा के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी मुमताज अंसारी की देखरेख में पूजा


अर्चना के लिए मंदिर में नई व्यवस्था बनाई गई। गुरुवार की सुबह छह बजे से ही नई व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन के लिए मंदिर में प्रवेश मिलने लगा। मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर थर्मल


स्कैनर से जांच करने के पश्चात ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। श्रद्धालु भक्तों के बीच दो गज की दूरी रखने के लिए मंदिर परिसर में गोले बनाए गए हैं। मंदिर के गर्भ गृह में एक


वक्त में सिर्फ पांच श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जा रहा है। दर्शन पूजन के पश्चात महोत्सव स्थल के रास्ते से श्रद्धालुओं की निकासी हो रही है। गाइडलाइन का अनुपालन कराने के लिए मंदिर परिसर में


चार दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए हैं। सुरक्षा बल के जवान भी जगह-जगह तैनात हैं। मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों के द्वारा भी अपनी सेवाएं दी जा रही है। गुरुवार को स्थानीय प्रखंड विकास


पदाधिकारी विजय कुमार तथा अंचलाधिकारी बैद्यनाथ कामती मंदिर में पूजा अर्चना के लिए बनाई गई नई व्यवस्था को लागू करवाने के लिए दिन भर मंदिर में मौजूद रहे। पूजा अर्चना के लिए मंदिर आने वाले


श्रद्धालु भक्तों में भी आपाधापी नहीं देखी गई। सभी श्रद्धालु क्रमबद्ध होकर थर्मल स्कैनर से जांच कराने के पश्चात ही पूजा अर्चना करते नजर आए। मंदिर में नई व्यवस्था के तहत फिलहाल माता की प्रतिमा


के समक्ष प्रसाद का चढ़ावा नहीं हो रहा है। श्रद्धालु सिर्फ माता की प्रतिमा का दर्शन कर रहे हैं। मंदिर में परिक्रमा करने, तिलक लगाने तथा रक्षा सूत्र बांधने पर भी फिलहाल पाबंदी है। बातचीत करने


पर श्रद्धालु भक्तों ने कहा कि फिलहाल कोरोना के संकट काल को देखते हुए प्रशासन तथा मंदिर प्रबंधन समिति के द्वारा लगाई गई पाबंदियों जायज है। श्रद्धालुओं को भी सरकार के गाइडलाइन का पालन कर


दर्शन पूजन करना चाहिए। ताकि कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके।