काशी में pm ने देव दिवाली का लिया आनंद, बोले लोग- किसान ठिठुर रहा था, राजा थिरक रहा था


काशी में pm ने देव दिवाली का लिया आनंद, बोले लोग- किसान ठिठुर रहा था, राजा थिरक रहा था

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केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी का दौरा किया। इस दौरान पीएम मोदी ने गंगा घाट पर दीया जलाया और


काशी में देव दीपावली का उत्सव धूम-धाम से मनाया। इसका एक वीडियो पीएम ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है। जिसके बाद लोग किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उनकी आलोचना कर रहे हैं। पीएम


ने जो वीडियो शेयर किया है उसमें वे लाइट एंड साउंड शो देख रहे हैं और संगीत का आनंद ले रहे हैं। इसपर कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने लिखा “बहुत पुरानी बात है, किसान ठंड मे ठिठुर रहे थे, राजा


संगीत पर थीरक रहा था।” वहीं रिजवी सलमा नाम के एक यूजर ने लिखा “किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहा है और ख़ुद को किसानों का मसीहा कहने वाले साब लेज़र शो का आनन्द ले रहे हैं। कमाल के किसान हितैषी


हैं।” एक यूजर ने लिखा कि रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था ये साहब भी नीरो हैं। बता दें इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि काशी की भक्ति-शक्ति कोई नहीं बदल


सकता। काशी वैसी ही जीवांत है। काशी आज प्रकाश पर्व मना रही है। काशी में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति वापस आ रही है। कोरोना काल में काफी कुछ बदल दिया है। > Har Har Mahadev! 


pic.twitter.com/k2XD2Q74xl >  > — Narendra Modi (@narendramodi) November 30, 2020 पीएम मोदी ने कहा हमारे देवी देवताओं की ये प्राचीन मूर्तियाँ, हमारी आस्था के प्रतीक के साथ ही हमारी


अमूल्य विरासत भी हैं। ये बात सही है कि इतना प्रयास अगर पहले किया गया होता, तो ऐसी कितनी ही मूर्तियां, देश को काफी पहले वापस मिल जातीं. लेकिन कुछ लोगों की सोच अलग रही है। पीएम मोदी ने कहा


हमारे लिए विरासत का मतलब है देश की धरोहर। जबकि कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब होता है, अपना परिवार और अपने परिवार का नाम. हमारे लिए विरासत का मतलब है हमारी संस्कृति, हमारी आस्था। उनके लिए


विरासत का मतलब है अपनी प्रतिमाएं, अपने परिवार की तस्वीरें।