इस पेंशन पॉलिसी में निवेश कर हर महीने पा सकते हैं 6 हजार रुपये, जानें पूरी डिटेल


इस पेंशन पॉलिसी में निवेश कर हर महीने पा सकते हैं 6 हजार रुपये, जानें पूरी डिटेल

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लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) में निवेश करना काफी सुरक्षित माना जाता है। अगर आप बिना जोखिम के निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो एलआईसी में निवेश कर बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते


हैं। यूं तो एलआईसी की तमाम अलग-अलग पॉलिसी है लेकिन अगर आप अपने लिए या अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए पेंशन की व्यवस्था करना चाहते हैं तो ‘जीवन अक्षय’ एन्यूटी प्लान में निवेश कर सकते हैं।


इस पॉलिसी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें निवेश के तुरंत बाद ही पेंशन मिलने लगती है। हालांकि यह एक एन्यूटी प्लान है तो ऐसे में पॉलिसीधारक को एकमुश्त निवेश करना पड़ता है। इस पॉलिसी में


निवेश की कुछ शर्तें तय की गई हैं। 30 से 85 साल की उम्र वाले लोग इसमें निवेश कर सकते हैं। इसके साथ ही वह भारतीय भी होने चाहिए। खास बात यह है कि निवेश के बाद पेंशन किस तरह से लेनी है यह


पॉलिसीधारक की मर्जी पर निर्भर करता है क्योंकि उसे चार तरह के विकल्प मिलते हैं। इनमें वार्षिक, अर्धवार्षिक, तिमाही और मासिक शामिल है। अब सवाल यह है कि इसमें न्यूनतम कितना निवेश किया जा सकता


है? शर्तों के मुताबिक न्यूनतम एक लाख रुपये का एकमुश्त निवेश अनिवार्य है। इसी तरह न्यूनतम सालाना पेंशन 12 हजार रुपये तय की गई है। अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। इस पॉलिसी में पेंशन पाने के


10 अलग-अलग विकल्प मौजूद होते हैं। इस पॉलिसी में निवेश कर आप हर महीने 6 हजार रुपये पेंशन हासिल कर सकते हैं। इसके लिए आपको 916200 रुपये एकमुश्त जमा करना होगा और इसके साथ ही प्रति महीने पेंशन


विकल्प ‘A’ (Annuity payable for life at a uniform rate) को चुनना होगा। ऐसे पा सकते हैं 6 हजार रुपये महीना पेंशन:- उम्र: 65 सम एश्योर्ड: 900000 एकमुश्त प्रीमियम: 916200 पेंशन: वार्षिक: 79335


अर्धवार्षिक: 38723 तिमाही: 19148 मंथली: 6326 उपरोक्त उदाहरण के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति 65 साल की उम्र में इस पॉलिसी में निवेश करता है और 900000 का सम एश्योर्ड चुनता है तो उसे कुल 916200


रुपये का एक प्रीमियम भरना होगा। इसके बाद प्रति माह पेंशन का विक्लप चुना है तो उसे हर महीने 6326 रुपये की पेंशन मिलेगी। यह पेंशन तब तक मिलती रहेगी जबतक पॉलिसीधारक की मृत्यु नहीं हो जाती। ये


हैं सभी विकल्प:- विकल्प A: इमेडिएट एन्यूटी फॉर लाइफ के जरिए निवेश के तुरंत बाद ही पेंशन का लाभ मिलने लगता है। यह लाभ तब तक मिलता है जब तक पॉलिसीधारक की मृत्यु नहीं हो जाती। इस विकल्प में एक


शर्त यह है कि पॉलिसीधारक को डेथ बेनिफिट नहीं दिए जाते। विकल्प B: 5 साल की गारंटेड पीरियड के साथ इमेडिएट एन्युटी और उम्रभर भुगतान। इस विकल्प के तहत पॉलिसीधारक को जिंदगीभर पेंशन तो मिलती है


लेकिन इसमें 5 साल की गारंटेड पीरियड के साथ नॉमिनी को फायदा मिलता है। मान लीजिए अगर कोई इस विकल्प के साथ पॉलिसी में निवेश करता है तो उसे आजीवन पेंशन तो मिलेगी लेकिन पांच साल के भीतर मृत्यु हो


जाने पर नॉमिनी को पेंशन मिलेगी। नॉमिनी को पेंशन पॉलिसी के पांच साल पूरा हो जाने तक मिलेगी। इसी तरह ‘C’ विकल्प में भी मृत्यु की स्थिति में नॉमिनी को 10 साल (पॉलिसी पूरे होने तक), ‘D’ विकल्प


में 15 साल और ‘E’ विकल्प में 20 साल तक पेंशन मिलेगी। विकल्प F: परचेज प्राइस के रिटर्न के साथ उम्रभर एन्युटी का भुगतान। इस विकल्प के तहत पॉलिसीधारक जब तक जीवित रहेगा तबतक पेंशन का भुगतान


होगा। मृत्यु होने पर परचेज प्राइस को नॉमिनी को रिटर्न कर दिया जाएगा। विकल्प G: सालाना 3 फीसदी के साधारण ब्याज के साथ उम्रभर एन्युटी का भुगतान। यह विकल्प बिल्कुल ऑप्शन ‘A’ की तरह ही है। इसमें


फर्क सिर्फ इतना है कि हर साल पेंशन का अमाउंट तीन फीसदी बढ़ता जाएगा। विकल्प H: प्राथमिक वार्षिकी करने वाले की मृत्यु पर सेकंडरी एन्युटीएंट को 50 फीसदी एन्युटी देने के प्रोविजन के साथ उम्र भर


ज्वॉइंट लाइफ इमेडिएट एन्युटी। यानी इस ऑप्शन के तहत पॉलिसीधारक पेंशन पाने के लिए एक और शख्स को एड कर सकता है। इसके तहत पॉलिसीधारक को आजीवन पेंशन मिलेगी लेकिन मृत्यु होने पर दूसरे शख्स (जिसे


एड किया गया हो) को आधी पेंशन मिलने लगेगी। विकल्प I: किसी एक एन्युटीएंट के ज्यादा सर्वाइव करने पर 100 फीसदी एन्युटी देने के प्रोविजन के साथ उम्र भर ज्वॉइंट लाइफ इमेडिएट एन्युटी। यह बिल्कुल


ऑप्शन ‘H’ की तरह ही इसमें फर्क सिर्फ इतना है कि दूसरे शख्स को उतनी ही पेंशन मिलेगी जितनी की पॉलिसीधारक को जीवित रहते मिल रही थी। विकल्प J: किसी एक एन्युटीएंट के ज्यादा सर्वाइव करने पर 100


फीसदी एन्युटी देने और लास्ट सर्वाइवर की डेथ पर परचेज प्राइस रिटर्न करने के प्रोविजन के साथ उम्र भर ज्वॉइंट लाइफ इमेडिएट एन्युटी। इसके तहत भी दो लाइफ की कवरेज मिलती है। यानी की पॉलिसीधारक


अपने साथ एक और शख्स को पेंशन पाने के लिए (पॉलिसीधारक की मृत्यु की स्थिति में) जोड़ सकता है। वहीं पॉलिसीधारक और दूसरे शख्स की मृत्यु के बाद नॉमिनी को पेंशन मिलती है।