Up में आया 'राजनाथ आम', कलीमुल्लाह खान ने किया नामकरण; क्या है इसकी कहानी
- Select a language for the TTS:
- Hindi Female
- Hindi Male
- Tamil Female
- Tamil Male
- Language selected: (auto detect) - HI

Play all audios:

बागवानी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और समर्पण के लिए पद्मश्री से नवाजे गए कलीमुल्लाह खान इससे पहले नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, सचिन तेंदुलकर, ऐश्वर्या राय, अखिलेश यादव और सोनिया गांधी समेत
कई प्रमुख भारतीय हस्तियों के नाम पर आम की किस्मों का नाम रख चुके हैं। 'मैंगो मैन' के नाम से मशहूर लखनऊ के मलीहाबाद निवासी बागवान एवं 'पद्मश्री' से सम्मानित कलीमुल्लाह खान
ने आम की एक नव विकसित किस्म का नाम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम पर रखा है। खान ने मलीहाबाद में अपने बाग में ‘ग्राफ्टिंग’ तकनीक से तैयार की गई आम की नयी किस्म का नाम रक्षा मंत्री के नाम
पर रखा है। इस किस्म को 'राजनाथ आम' कहा जाएगा। ‘ग्राफ्टिंग’ बागवानी की ऐसी तकनीक है जिसमें दो अलग-अलग पौधों के हिस्सों को जोड़कर एक नया पौधा बनाया जाता है। बागवानी के क्षेत्र में
उत्कृष्ट योगदान और समर्पण के लिए पद्मश्री से नवाजे गए खान इससे पहले नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, सचिन तेंदुलकर, ऐश्वर्या राय, अखिलेश यादव और सोनिया गांधी समेत कई प्रमुख भारतीय हस्तियों के नाम पर
आम की किस्मों का नाम रख चुके हैं। खान ने 'पीटीआई वीडियोज' से कहा, 'मैं अपने आमों का नाम उन लोगों के नाम पर रखता हूं जिन्होंने सच्चे मायनों में देश की सेवा की है। मैं चाहता
हूं कि ये नाम पीढ़ियों तक जिंदा रहें। कई बार लोग महान नेताओं को भूल जाते हैं, लेकिन अगर कोई आम उन्हें राजनाथ सिंह के अच्छे काम की याद दिलाता है तो यह सार्थक है। वह एक संतुलित और विचारशील
व्यक्ति हैं। हाल ही में पाकिस्तान के बारे में एक चर्चा के दौरान मैंने महसूस किया कि वह युद्ध नहीं बल्कि शांति चाहते हैं।' खान ने पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा,
'पाकिस्तान ने आक्रमण की शुरुआत की लेकिन आज, माहौल बेहतर हो गया है। जंग नहीं बल्कि अमन ही समाधान है। समस्याओं का समाधान बातचीत के जरिए होना चाहिए। युद्ध सिर्फ नफरत को बढ़ाता है और सभी का
नुकसान होता है।' खान ने अपने दशहरी और अन्य किस्म के आमों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर मलीहाबाद क्षेत्र का जिक्र करते हुए बताया कि 1919 के आसपास इस क्षेत्र में आम की 1,300 से ज्यादा
किस्म थीं। उन्होंने कहा, 'वक्त के साथ कई किस्में बाजार से गायब हो गईं। मैं उन्हें संरक्षित करने और पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रहा हूं। मैंने अब तक 300 से अधिक किस्में विकसित की
हैं।' खान ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि मेरे जाने के बाद भी लोग आम की विभिन्न किस्मों का जायका लेते रहें। आम दुनिया के उन कुछ फलों में से एक है जो लोगों को स्वस्थ रहने में मदद कर सकता
है।' खान ने कहा कि उन्होंने विभिन्न स्थानों पर आम के औषधीय लाभों के प्रमाण पेश किए हैं और अब यह देखना होगा कि शोध संस्थान इन निष्कर्षों को कितनी दूर तक ले जा सकते हैं तथा उन्हें कैसे
वास्तविक वैज्ञानिक प्रगति में बदल सकते हैं।