शरीर की जरूरत होता है शारिरिक संबंध, इसलिए जज्बात नहीं रोक पाते लोग


शरीर की जरूरत होता है शारिरिक संबंध, इसलिए जज्बात नहीं रोक पाते लोग

Play all audios:


किसी भी रिलेशनशिप में सेक्स एक नेचुरल और इंटिमेट पहलू है. ये एक ऐसा टॉपिक है. जिसके बारे में जानना हर किसी की इच्छा होती है, लेकिन बात  बहुत कम लोग करते है. अक्सर जब भी हम रेप की घटना देखते


हैं, तो हमारे मन में सवाल आता है कि आखिर सेक्स हमारी बॉडी के लिए कितना जरूरी है और अगर ये ह्यूमन बॉडी की बेसिक नीड है एक डिजायर है तो फिर जो रेप जैसी  घटनाएं हो रही है तो शायद उसकी साइकोलॉजी


तो कुछ और होती होगी क्योंकि जब भी हम रिलेशनशिप में होते हैं तो सेक्स को प्यार शेयर करना या फिर बेसिक नीड कहते हैं, तो रेप में ये कैसे होता है और ह्यूमन बॉडी के लिए सेक्स कितना जरूरी है.


जिसका जवाब  Dr Cuterus ने दिया है.   Advertisment रेप के उद्देश्य से सेक्स  सबसे पहले आपको रेप के उद्देश्य से बताते है. दरअसल, रेप में अक्सर एक्चुअली पावर का डायनामिक ज्यादा होता है. रेप में


सेक्स एक वायलेंस के एंगल से होता है और वहीं ह्यूमन बॉडी की बात करें तो हमारी बॉडी इस तरीके से डिजाइन की होती है कि हम सेक्स प्रायोरिटी देते हैं.  यह इसलिए होता है क्योंकि एववोल्यूशन को यही


चाहिए होता है. उसका काम होता है कि हर किसी को इस तरह से डिजाइन करें कि वो अपना जीन फैलाए.  हर जगह जींस फैलाना  आपको उदाहरण के तरीके से बताएं तो सालमन मछली जो नदी के धार के विपरीत जाके सिर्फ


अंडे देने जाती है और फिर अंडे देकर मर जाती है. वहीं इंसान की बात करें तो उसके दिमाग में सेक्स का मतलब डिजायर रहती है. उसके अंदर उस चीज को लेकर क्यूरियोसिटी रहती है. जो भी ऑर्गेनिज्म है इस


पृथ्वी पे चाहे वो छोटे से बैक्टीरिया वायरस हो चाहे वो हाथी हो. हर किसी के अंदर एक इनहेरेंट डिजायर है कि अपने जींस को सबसे ज्यादा कैसे फैला सके ताकि हमारे जींस हर जगह फैल जाए और हमारे जीन हर


पृथ्वी पे राज करें तो जो कि काफी एववोल्यूशनरी कांसेप्ट है. सेक्स को बनाया टैबू हमारी सोसाइटी में जिस तरह से सेक्स को इतना टैबू बनाया है और इसको सेंसेशनल भी बनाया  है. जैसे अक्सर आपने देखा


होगा कि अगर आप किसी को कुछ बोल दें कि यह नहीं करना है तो इंसान के दिमाग में बहुत तेज वहीं चलता है कि इसको मना करने के लिए क्यों कहा है और अब ये तो करना ही पड़ेगा. इन दिनों लोग सेक्स को एक


अचीवमेंट की तरह पेश कर रहे हैं कि अगर आपने लाइफ में सेक्स किया है तो आपने सब कुछ पा लिया.  [embedded content] सेक्स की डिजायर जैसे इंसान को भूख लगती है, वैसे ही इंसान को सेक्स की डिजायर भी


होती है सेक्स इंसान की एक बहुत ही बेसिक ह्यमून नीड है. ये ना सिर्फ इंसान की ह्यूमन नीड है बल्कि ये जानवरों की भी नीड है. बस इंसान को यह समझना होता है कि उसको अपनी सेक्स की डिजायर कैसे पूरी


करनी है. साफ शब्दों में कहें तो अगर इंसान की नीड घर में पूरी हो रही है तो वो घर में करेगा और घर में नहीं हो रही है, तो बाहर जाकर रेप करके पूरी करेगा.   DISCLAIMER: यहां दी गई जानकारी सामान्य


मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. NEWS NATION इसकी पुष्टि नहीं करता है.