आईएमईसी को ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के बजाय मल्टीमॉडल कॉरिडोर बनाने पर दिया गया ध्यान : शिशिर प्रियदर्शी


आईएमईसी को ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के बजाय मल्टीमॉडल कॉरिडोर बनाने पर दिया गया ध्यान : शिशिर प्रियदर्शी

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नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। चिंतन रिसर्च फाउंडेशन के प्रेसिडेंट शिशिर प्रियदर्शी ने बुधवार को कहा कि आज के सेशन का उद्देश्य भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) पहल को लेकर आ रही


अलग-अलग आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का पता लगाना था। आर्थिक और भू-राजनीतिक विशेषज्ञों ने चिंतन रिसर्च फाउंडेशन (सीआरएफ) द्वारा आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन के दौरान कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप


आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) भारत के मजबूत और तीव्र आर्थिक विकास की दिशा में एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी), एक अंतर-महाद्वीपीय कनेक्टिविटी


प्रोजेक्ट है। इसकी घोषणा सितंबर 2023 में दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी। यह अरब प्रायद्वीप में भारत को यूरोप से जोड़ने की एक साहसिक दृष्टि है और महाद्वीपों में व्यापार, निवेश


और संपर्क बढ़ाने के लिए रेलवे, बंदरगाहों, राजमार्गों, ऊर्जा नेटवर्क और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को इंटीग्रेट करते हुए कई व्यवसायों को शामिल करते हुए एक मल्टी-मॉडल इकोनॉमिक कॉरिडोर की कल्पना


करती है। कार्यक्रम के आयोजक चिंतन रिसर्च फाउंडेशन के प्रेसिडेंट शिशिर प्रियदर्शी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा देश के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है।


इस परियोजना को 2023 में नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत को मध्य पूर्व के जरिए यूरोप से कनेक्ट करना है।


उन्होंने आगे कहा कि योजना लगभग 2 वर्ष पहले घोषित हुई थी लेकिन अभी भी बहुत से काम किए जाने बाकी हैं। आज के इस सेशन को लेकर चिंतन रिसर्च फाउंडेशन का उद्देश्य इस पहल को लेकर आ रही अलग-अलग


आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का पता लगाना है। उन्होंने कहा कि सेशन में यह भी विचार किया गया कि कैसे हम केवल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के बजाय डेटा कनेक्टिविटी, ऊर्जा कनेक्टिविटी, ग्रीन हाइड्रोजन


कनेक्टिविटी और पीपल कनेक्टिविटी के इस प्रोजेक्ट को मल्टीमॉडल कॉरिडोर बनाएं। साथ ही हम यह भी पता लगाना चाहते हैं कि क्या इस निर्धारित रूट के अलावा, वैकल्पिक रूट्स की भी गुंजाइश बनती है। अरब


गणराज्य मिस्र के राजदूत कामेल जायद कामेल गलाल ने आईएएनएस से बात करते हुए इस सेशन को सूचना-प्रद और महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस सेशन में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के


अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा की गई। --आईएएनएस एसकेटी/जीकेटी Advertisment डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है.


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