राधा-कृष्ण व शिव मंदिर परिसर में यात्री बैंचों का लोकार्पण किया - inaugurated passenger benches in c-103, radha-krishna and shiva temple complex - uttar pradesh saharanpur jagran special news

राधा-कृष्ण व शिव मंदिर परिसर में यात्री बैंचों का लोकार्पण किया - inaugurated passenger benches in c-103, radha-krishna and shiva temple complex - uttar pradesh  saharanpur  jagran special  news

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गंगोह में समाजसेवी लायन सिम्मी टेबक के जन्मदिवस पर ककराली स्थित राधा-कृष्ण तथा बाईपास पर शिव मंदिर परिसर में यात्रियों के लिए 12 बैंच लगाई गई हैं। By JagranEdited By: Updated: Sun, 11 Apr


2021 07:47 PM (IST) सहारनपुर, जेएनएन। गंगोह में समाजसेवी लायन सिम्मी टेबक के जन्मदिवस पर ककराली स्थित राधा-कृष्ण तथा बाईपास पर शिव मंदिर परिसर में यात्रियों के लिए 12 बैंच लगाई गई हैं।


रविवार को विश्राम बैंच का लोकार्पण किया गया। सिम्मी वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा रविवार को मंदिर परिसर में हुए कार्यक्रम में लायंस क्लब गंगोह सेंट्रल के पूर्व अध्यक्ष अरविद कपूर ने कहा कि समाज के


निचले स्तर तक के लोगों की सेवा करने वालों को लोग हमेशा याद रखते हैं। सिम्मी टेबक वास्तव में समाज सेविका थी। मंदिर परिसर में लगाई गई विश्राम बैंचों का अरविद कपूर व सपना टेबक ने फीता काट कर


लोकार्पण किया। मंदिर प्रबंध समिति ने फाउंडेशन का श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगाई गई बेंच के प्रति धन्यवाद किया। वेलफेयर फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने अन्य कई स्थानों पर भी स्मृति यात्री


विश्राम बैंच लगाने की बात कही। कार्यक्रम में प्रदीप तायल, अरविद टेबक, रजनी राजपूत, सपना टेबक, तलविदर कपूर, सरोज बजाज, पलविदर अरोड़ा, सारिका, मोनिका गर्ग, वर्षा पाहूजा, मंजू गोयल, हन्नी बजाज,


उमंग शर्मा, सागर शर्मा आदि लोग मौजूद रहे। टूटी सड़क दे रहीं हादसों को न्यौता खेड़ा अफगान : सहारनपुर से गंगोह मार्ग पर फंदपुरी से अंबेहटा तक सड़क पूरी तरह से टूट चुकी है, जिससे राहगीरों को


प्रतिदिन दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इन गड्ढों में गिर कर आए दिन लोग चोटिल हो रहे हैं, कई बार तो गड्ढों को बचाने के प्रयास में खतरनाक घटनाएं भी घट चुकी है। खेड़ा अफगान से निकलने वाली


सड़क अंबेहटा से फंदपुरी तक की सड़क की दुर्दशा पर कोई ध्यान नही दे पा रहा है, जो कि करीब एक वर्ष से ज्यादा समय से खस्ताहाल में पड़ी हुई है। गड्ढों से युक्त सड़क का इतना बुरा हाल है कि गड्ढे ही इस


सड़क की पहचान बन चुके हैं। जिस पर वाहन के साथ चलना तो दूर पैदल चलना भी ग्रामीणों के लिए मुश्किल हो रहा है। लोगों ने कई बार शिकायतें कीं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।