कोचों और अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से खो-खो के वैश्विक विकास को सशक्त बना रहा है केकेएफआई
- Select a language for the TTS:
- Hindi Female
- Hindi Male
- Tamil Female
- Tamil Male
- Language selected: (auto detect) - HI

Play all audios:

गुरुग्राम, 3 जून (आईएएनएस)। खो-खो के वैश्विक विकास को सशक्त बनाने और इसके वैज्ञानिक व तकनीकी आधार को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया (केकेएफआई) ने
अंतर्राष्ट्रीय खो-खो महासंघ (आईकेकेएफ) के तत्वावधान में विश्वभर के कोचों और तकनीकी अधिकारियों के लिए एडवांस्ड लेवल III-ए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया है। यह कोर्स 2 जून को श्री गुरु
गोबिंद सिंह टर्सेंटेनरी (एसजीटी) विश्वविद्यालय, बुढेड़ा में शुरू हुआ है और 15 जून तक चलेगा। इस गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्रीलंका, बांग्लादेश, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, कोरिया और
मलेशिया जैसे सात देशों के लगभग 20 अंतरराष्ट्रीय कोच और अधिकारी भाग ले रहे हैं, जिनके साथ भारत के विभिन्न हिस्सों से आए 50 कोच और 65 तकनीकी अधिकारी भी शामिल हैं। कोचों के प्रशिक्षण सत्र 2 जून
से 11 जून तक आयोजित किए जा रहे हैं, इसके बाद 12 जून से 15 जून तक तकनीकी अधिकारियों के लिए सत्र आयोजित किए जाएंगे। यह एडवांस्ड लेवल III-ए कोर्स न केवल तकनीकी उत्कृष्टता बल्कि खेल के समग्र
विकास को भी ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। दो सप्ताह के दौरान, प्रतिभागी बायोमैकेनिक्स और मूवमेंट विश्लेषण, रिकवरी के लिए ऑटोजेनिक ट्रेनिंग, खो-खो में स्पोर्ट्स साइंस का परिचय, खेलों
में डोपिंग के प्रति जागरूकता, खेल मनोविज्ञान, वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग और आईकेकेएफ द्वारा निर्धारित नवीनतम नियमों जैसे विषयों में प्रशिक्षण लेंगे। 5 जून (गुरुवार) को आयोजित होने वाले
प्रमुख सत्रों में डॉ. पूजा भाटी द्वारा खो-खो में स्पोर्ट्स साइंस, डॉ. विकास त्यागी और डॉ. अनुराग द्वारा खेलों में डोपिंग के प्रति जागरूकता, तथा प्रख्यात कोच डॉ. एच. वी. नटराज द्वारा अटैकर्स
की ट्रेनिंग पर व्याख्यान शामिल हैं। इस दिन की शुरुआत अश्वनी शर्मा द्वारा संचालित एक फिजिकल फिटनेस सत्र से होगी। कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए, खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष
सुधांशु मित्तल ने कहा, “यह कोर्स हमारे उस संकल्प को दर्शाता है, जिसके अंतर्गत हम कोचों और तकनीकी अधिकारियों की ऐसी नई पीढ़ी तैयार करना चाहते हैं जो ज्ञान, उपकरणों और अंतरराष्ट्रीय अनुभव से
लैस हो, जिससे वे खो-खो को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकें। चटाई-आधारित खेल से लेकर निर्णय पुनरीक्षण प्रणाली (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) जैसे तकनीकी नवाचारों तक, खेल में विज्ञान और
प्रौद्योगिकी के एकीकरण को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन का विकास ही दीर्घकालिक सफलता की कुंजी है।” कोचों का प्रशिक्षण 11 जून को एक व्यावहारिक परीक्षा और समापन सत्र के साथ पूरा होगा, जिसमें
प्रशिक्षण के प्रमुख निष्कर्षों पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद तकनीकी अधिकारियों के लिए सत्र आरंभ होंगे। बीते कुछ वर्षों में, खो-खो ने एक पारंपरिक भारतीय खेल से एक तेज, पेशेवर रूप से प्रबंधित
खेल का रूप धारण कर लिया है। उन्नत खेल अवसंरचना, गतिशीलता को बढ़ाने के लिए ‘वजीर’ की भूमिका की शुरुआत, और स्पोर्ट्स साइंस एवं डेटा-आधारित कोचिंग की भागीदारी ने इस खेल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
लोकप्रियता को नई दिशा दी है। यह कोर्स कोचिंग और रेफरिंग मानकों को आधुनिक प्रारूप और वैश्विक आकांक्षाओं के अनुरूप लाने में एक अहम कदम है। इस एडवांस्ड लेवल प्रशिक्षण कोर्स की मेजबानी करके
केकेएफआई ने भारत को वैश्विक खो-खो विकास का केंद्र बनाने की अपनी दृष्टि को सुदृढ़ किया है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान विनिमय को भी बढ़ावा दिया है। --आईएएनएस आरआर/ Advertisment
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही
होगी.