कुलभूषण जाधव को दूतावास सहायता मुहैया कराने के लिए 8 ‘नोट वर्बल’ पाकिस्तान भेजे गए: सरकार
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विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (8 दिसंबर) को कहा कि भारत ने कुलभूषण जाधव को दूतावास सहायता मुहैया कराने के लिए आठ ‘नोट वर्बल’ पाकिस्तान भेजे हैं जबकि निहाल अंसारी के मामले में ऐसे 42 पत्र भेजे
गए। ‘नोट वर्बल’ एक तरह का कूटनीतिक पत्र होता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने जाधव के खिलाफ पाकिस्तान के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया। जाधव एक भारतीय
नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी हैं। पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के हवाले से मीडिया में आई खबर के बारे में पूछे जाने पर स्वरूप ने कहा, ‘इस मुद्दे पर हमने मीडिया में
विरोधाभासी खबरें देखी हैं। हमने इस तरह की चीजें अतीत में भी देखी हैं।’ दरअसल, अजीज ने कहा था कि जाधव के खिलाफ कोई ‘पुख्ता सबूत’ नहीं है। हालांकि बाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इसे
खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जाधव को नौ महीने से अधिक समय तक गलत तरीके से और अवैध रूप से हिरासत में रखने के बाद भी पाकिस्तानी अधिकारियों ने उनके खिलाफ सबूत का कोई छोटा हिस्सा नहीं पाया।
स्वरूप ने बताया, ‘हमने संबद्ध अंतरराष्ट्रीय समझौतों के मुताबिक उन्हें फौरन दूतावास सहायता मुहैया कराने और कैद से यथाशीघ्र रिहाई की मांग की है।’ वहीं, एक अन्य भारतीय नागरिक अंसारी के बारे में
प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय दूतावास इस विषय पर करीबी निगरानी रखे हुए है और उसने पाक विदेश कार्यालय को 42 ‘नोट वर्बल’ भेजे हैं। अंसारी एक महिला के प्रेम में आकर कथित तौर पर पाकिस्तान चला गया
था। प्रवक्ता ने बताया कि 15 नवंबर की तारीख वाले हमारे ताजा ‘नोट वर्बल’ का 25 नवंबर को पाकिस्तान ने जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान में संबद्ध प्राधिकार अंसारी के बारे में अपनी जिम्मेदारियों
से वाकिफ हैं जो सुरक्षित हैं और उनका स्वास्थ्य अच्छा है। हालांकि इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि पाकिस्तान ने अब तक हमें अंसारी को दूतावास सहायता मुहैया नहीं कराने दिया है।